डेस्क जन हस्तक्षेप

मुंबई : मशहूर अदाकारा, उर्दू के मशहूर नगमा निगार कैफी आजमी की पत्नी और शबाना आजमी की माँ शौकत आजमी का आज मुंबई में निधन हो गया है।

शौकत आजमी ने उमराव जान, बाजार, हीर-रांझा जैसे कई फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखाया। शौकत आजमी अंतिम बार फिल्म ‘साथियां’ (2002) में नजर आई थीं। हैदराबाद में जन्मी शौकत आजमी मुंबई में अपने परिवार के साथ रहती थींं। हाल ही में उन्होंने अपने पति कैफी आजमी के जीवन पर एक किताब लिखी थी।

जिसका नाम ‘कैफी और मैं’ है। बता दें कि कैफी आजमी और शौकत आजमी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। दोनों पति-पत्नी लम्बे समय तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की विंग इप्टा से जुड़े रहे। कैफी आजमी और शौकत आजमी के दो बच्चे हैं। बेटे का नाम बाबा आजमी और बेटी का नाम शबाना आजमी है। दोनों ही बॉलीवुड में काम कर रहे हैं। शबाना आजमी को नेशनल फिल्म अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें अब तक 5 फिल्म फेयर अवार्ड मिल चुके हैं।

शौकत आजमी के निधन से जहां फिल्म इंडस्ट्री में शोक का माहौल है वहीं कैफी आजमी के पैतृक गांव आजमगढ़ मेजवां गांव के लोग दुखी हैं।

कहा जाता है कि कैफ़ी आज़मी जब भी मुशायरों में आते थे तो लोगों की दाद नहीं रुकती थी। वह प्रगतिशील लेखक संघ के सदस्य थे और समाज को लेकर अपनी लेखनी मुखर रखते थे। कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य बनने के बाद वह उन्हीं के बनाए कम्यून में रहा करते थे। वहीं शबाना और बाबा का जन्म भी हुआ था। उनकी बेग़म शौक़त कैफ़ी ने उनका हर स्थिति में साथ दिया। कैफ़ी ने भी अपनी बीबी को प्रेरणा मान कर कई नज़्में कहीं, ‘औरत’ उन्हीं नज़्मों में से एक है।

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