चीन में 10 लाख मुसलमान हिरासत में बिता रहे जिंदगी

चीन में 10 लाख मुसलमान हिरासत में बिता रहे जिंदगी

न्यूयॉर्क। चीन के पश्चिमी प्रांत शिनजिंयाग में अल्पसंख्यक मुसलमानों के दमन को लेकर उसकी दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है। बताया जाता है कि इस राज्य में बड़ी संख्या में मुसलमानों को विशेष तरह के शिविरों में रखा गया है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। विदित हो कि पिछले अगस्त महीने में एक संयुक्त राष्ट्र की कमेटी को बताया गया था कि शिनजियांग में करीब दस लाख मुसलमानों को एक तरह की हिरासत में रखा गया है, जहां उन्हें शिक्षा दी जा रही है। हालांकि चीन इन खबरों का खंडन करता है। लेकिन शिनजियांग प्रांत में लोगों पर निगरानी के कई सबूत सामने आए हैं।
बीबीसी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार कमेटी को बताया गया था कि संपूर्ण वीगर स्वायत्त क्षेत्र नजरबंदी में है। इस कमेटी को बताया गया था कि करीब 10 लाख लोग हिरासती जिंदगी बिता रहे हैं। ऐसी रिपोर्टों की पुष्टि ह्यूमन राइट्स वॉच भी करता है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि एक तरह के हिरासती शिविरों में रखे गए लोगों को चीनी भाषा सिखाई जाती हैं और उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रति वफादारी की शपथ लेनी होती है। साथ ही लोगों से उनके धर्म और संस्कृति की आलोचना करने को कहा जाता है।
ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक, वीगर समुदाय को बेहद सख्त निगरानी का सामना करना पड़ता है।लोगों के घरों के दरवाजे पर क्यूआर कोड्स लगे हुए हैं और चेहरे को पहचानने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। अधिकारी जब चाहें तब यह पता लगा सकते हैं कि घर अंदर कौन है। अमरीका में कांग्रेस की चीनी मामलों की कमेटी ने ट्रंप प्रशासन से शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघनों से जुड़ी कंपनियों और अधिकारियों पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की है।
उल्लेखनीय है कि चीन के इस प्रांत की आबादी एक करोड़ से अधिक है जिनमें वीगर समुदाय के अधिकतर लोग मुसलमान हैं। ये लोग खुद को सांस्कृतिक नजर से मध्य एशिया के देशों के करीब मानते हैं। उनकी भाषा भी तुर्की से मिलती-जुलती है। हाल के वर्षों में भारी संख्या में चीन के बहुसंख्यक नस्लीय समूह ‘हान’ का शिनजियांग में बसना एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। वीगर लोगों को लगता है कि अब उनकी रोजी-रोटी और संस्कृति खतरे में पड़ रही है।
ज्ञात हो कि शिनजियांग चीन के पश्चिम में देश का सबसे बड़ा प्रांत है। इसकी सीमाएं भारत, अफगानिस्तान और मंगोलिया जैसे कई देशों से मिलती हैं। कहने को तो यह भी तिब्बत की ही तरह एक स्वायत्त क्षेत्र है, लेकिन सत्ता की डोर बीजिंग के ही हाथ में है। 20 वीं सदी की शुरुआत में वीगर समुदाय ने थोड़े वक्त के लिए ही सही, शिनजियांग को आजाद घोषित कर दिया था, लेकिन 1949 की कम्यूनिस्ट क्रांति के बाद ये प्रांत चीन का हिस्सा बन गया।

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