सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका !

0

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है |

अक्षय की मौत की सजा बरकरार रहेगी | निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ में बुधवार को सुनवाई की गई |

अक्षय की ओर से पेश हुए वकील एपी सिंह ने कहा कि इस मामले में अभी तक मीडिया प्रेशर है | इसके साथ ही एपी सिंह ने जांच पर सवाल उठाए | इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट का फैसला आ चुका है, तब ये नया फैक्ट कहां से लाये? कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष आधे घंटे में बहस पूरी करें | एपी सिंह ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक और मीडिया का दबाव बेहद रहा है | एपी सिंह ने साथ ही गुरुग्राम के एक स्कूल में छात्र की हत्या का उदाहरण दिया | उन्होंने कहा कि इस मामले में बेकसूर को फंसा दिया था | अगर सीबीआई की तफ्तीश नहीं होती तो सच सामने नहीं आता | इसलिए हमनें इस केस में भी CBI जैसी एजेंसी से जांच की मांग की थी | निर्भया मामले के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर एक बजे फैसला आएगा |

दोषी अक्षय की ओर से पेश हुए वकील एपी सिंह ने इस मामले में निर्भया के दोस्त के बयान पर सवाल उठाया | सिंह ने कहा कि निर्भया के दोस्त ने पैसे लेकर मीडिया चैनल में इंटरव्यू दिया था | कोर्ट ने इस पर सवाल किया कि इन बातों का यहां क्या महत्व है |

तो एपी सिंह ने कहा कि वो लड़का इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह था | उसकी गवाही मायने रखती है | इस मामले में लड़की के दोस्त ने पैसे लेकर मीडिया को इंटरव्यू दिया, जिससे केस प्रभावित हुआ | वो इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह था | सिंह ने कहा कि निर्भया के दोस्त के खिलाफ हमने पटियाला हाउस कोर्ट में केस किया है, जिस पर 20 दिसम्बर को कोर्ट सुनवाई करेगा | सुप्रीम कोर्ट ने पूछा ये रेलेवेंट कैसे है? तो सिंह ने कहा कि ये नया सबूत है | वहीं अक्षय के वकील ने मामले की जांच पर भी सवाल उठाए |

इसके अलावा तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता की किताब का भी जिक्र किया | किताब में राम सिंह की आत्महत्या पर सवाल उठाए थे | सिंह ने TIP यानी टेस्ट इन परेड को लेकर सवाल उठाए | जस्टिस बानुमति ने कहा कि इस तथ्य पर विचार किया गया जा चुका है | सिंह ने कहा कि नहीं ये नया फैक्ट है | कोर्ट ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं अगर किसी केस में ट्रायल पूरा होने के बाद कोई किताब लिखे |

सिंह ने कहा कि कई फैक्ट हैं, जिन पर विचार नहीं किया गया | सुनील गुप्ता ने कहा कि TIP के समय मैं वहां मौजूद था | सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि TIP मामले को कोर्ट के सामने पहले भी लाया गया था | किताब अदालत के फैसले के बाद आई |

कल को कोई कुछ भी लिखेगा तो क्या कोर्ट से सबूत मान लेगा | इससे बेहद खराब ट्रेंड शुरू हो जाएगा |

कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी लेखक के विचारों पर नहीं जा सकते | हम अब इस सब में नहीं जा सकते | यह एक खतरनाक प्रवृत्ति सेट करेगा, यदि लोग ट्रायल समाप्त होने के बाद किताबें लिखना शुरू करते हैं और ऐसी चीजों के बारे में बात करते हैं |

यदि हम इन सभी दलीलों को सुनना शुरू कर देंगे तो कोई अंत नहीं होगा | उन्हें मुकदमे के समय खुद को आगे लाना चाहिए था | अब यह सब लिखने का उद्देश्य क्या हो सकता है? हम इस पर कैसे जवाब दे सकते हैं? जस्टिस भूषण ने वकील एपी सिंह की किताब वाली दलील पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हम केवल केस के सबूतों पर बहस को सुनेंगे |

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *