लखनऊ जयपुरिया स्कूल में मनाया गया तीसरा स्थापना दिवस
लखनऊ जयपुरिया स्कूल में मनाया गया तीसरा स्थापना दिवस
लखनऊ। सेठ आनंददात जयपुरिया स्कूल, लखनऊ ने 24 नवंबर 2018 को भारी उत्साह, खुशी और उल्लास के साथ अपना तीसरा वार्षिक दिवस मनाया। जयंत कृष्णा, मैनेजमेंट कंसल्टेंट, की इवैंजेलिस्ट स्किल डेवलपमेंट और पूर्व कार्यकारी निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इस भव्य कार्यक्रम के लिए बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुये। इस अवसर पर चेयरमैन, शिशिर जयपुरिया, प्रबंधन के सदस्य और दूसरे स्कूल के प्रधानाचार्य, अतिथि और पैरेंट्स आदि भी मौजूद थे।
“फ्यूचर रेडी” की थीम को स्टूडेंट्स को सशक्त बनाने और उन्हें तकनीकी बदलावों को लेकर जागरुक बनाने और स्थायी विकास लक्ष्यों की समझ प्रदान करने की जरूरत पर ध्यान रखने के लिए चुना गया था। यह उन्हें अधिक शांतिपूर्ण, स्वस्थ और समान दुनिया के यूनाइटेड नेशंस के विजन को हासिल करने के लिए अधिक शक्तिशाली बल बनने में सक्षम बनायेगा।
इस शाम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन एवं श्लोक उच्चारण के साथ की गई। इसके बाद प्रि-प्राइमरी, चौथी और आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स द्वारा “यू रेज मी अप” और “आई एम द क्ले एंड यू आर द पॉटर” प्रार्थना गीत गाये गये।
चेयरमैन शिशिर जयपुरिया, ने माननीय मुख्य अतिथि जयंत कृष्णा का स्वागत किया और स्कूल के विजन एवं मिशन को लेकर उनकी प्रशंसा की। श्रीमती पूनम कोचिट्टी, प्रधानाचार्य, ने 2018-19 के सत्र के लिए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें शिक्षा के साथ तकनीक को एकीकृत करने की स्कूल और उनकी पहलों की प्रमुख उपलब्धियों पर जोर दिया गया। सूफी प्रार्थना ने सभी को मानसिक सुकून प्रदान किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम का शानदार मूड बनाया।
मुख्य अतिथि, जयंत कृष्णा ने स्टूडेंट्स, अध्यापकों और मैनेजमेंट द्वारा पेश क्लासिक प्रोग्राम के लिए उनकी खूब सराहना की। उन्होंने स्टूडेंट्स एवं उनके मेंटॉर्स द्वारा इतना बेहतरीन संदेश उन्मुख शो प्रस्तुत करने के लिए की गई कड़ी मेहनत और विजन की प्रशंसा की। उन्होंने कौशल के विकास पर जोर दिया जोकि भविष्य के लिए तैयार होने की आवश्यक है।
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न अंतरस्कूल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को पुरस्कार दिये गये जोकि स्कूल के लिए ईनाम जीतकर लाये। पहली कक्षा की आराध्या मिश्रा ने हिंदी विकास संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी ओलंपियाड में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता, दूसरी कक्षा के ओजस सिंह ने सीबीएसई द्वारा आयोजित स्केटिंग चैंपियनशिप में नेशनल्स के लिए क्वालिफाई किया। नवीं कक्षा के अर्श श्रीवास्तव माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस स्पेश्यलिस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में टॉप 50 में रहे, नवीं कक्षा के कृष्णा तुल्सयान और कक्षा 6 के सागर रवि ने प्रोगेटमें हिस्सा लिया और देश में टॉप 100 में रहे। यह जापान की सबसे बड़ी ऑनलाइन वेब सर्विसहै जहां हर कोई कोडिंग सीख सकता है। हार्दिक राज कपूर, कक्षा 9, अनुभव सिंह, कक्षा 9, और आयुष जैन, कक्षा 8 ने मूवी मेकिंग प्रतियोगिता में दूसरा पुरस्कार जीता। इसका आयोजन एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, गुड़गाव द्वारा किया गया था। समरा और सिमोन थेटी ने एरुडिट-पिंटुरा,एलेनहाउस पब्लिक स्कूल, कानपुर द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में दूसरा पुरस्कार जीता। उन्हें उनकी कड़ी मेहनत एवं जोश से भरपूर प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। वोट ऑफ थैंक्स हेडमिस्ट्रेस,सुश्री मोनिका तनेजा द्वारा प्रस्तावित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत प्रि प्राइमरी, चौथी और आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स द्वारा “अर्थ वी आर इन इट टुगेदर” के साथ हुई। इस गीत में प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और समस्याओं के खतरों की चिंता पर जोर दिया गया जो हमारी जिंदगी पर हावी हैं। इसके बाद संस्कृत की कविता “वसुधैवकुटुंबकम” का गायन हुआ जोकि बताती है कि पूरा संसार एक परिवार है। सातवीं, आठवीं और नवीं कक्षा की छात्राओं ने चाइनीज डांस किया। इसके बाद स्वच्छ एवं हरित धरती संरक्षित करने और अधिक पौधे रोपने का संकल्प लिया गया। संगीत एक सरल सा विचार है जोकि जिंदगी को बदल सकता है और इस दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बना सकता है। यह विचार स्कूल के रॉक बैंड के परफॉर्मेंस में नजर आया जिसने इमेजिन ड्रैगन्स द्वारा “बिलीवर” के रॉकिंग परफॉर्मेंस से सभी को झुमाया। तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा के स्टूडेंट्स ने दर्शकों को गुजराती फोक डांस के धमाकेदार प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने अपने पैरेंट्स से बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का अनुरोध किया। कक्षा 3 के स्टूडेंट्स द्वारा मुंबई डब्बावालाज पर किया गया प्रस्तुतिकरण बिना किसी त्रुटि के डब्बावालाज द्वारा किये जा रहे नेक कार्य के प्रति अपना आभार जताने का एक तरीका था।
स्कूल के उभरते म्यूजिक टैलेंट ने पुराने जमाने के मधुर गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी जोकि क्लासिक म्यूजिक पर आधारित हैं। इसकी प्रस्तुति दिमाग, शरीर और आत्मा को एक करने के लिए की गई थी। डंडियो के जरिये बाल्टियों पर बजाया गया परकुशन अनूठा था और इस शो का प्रमुख आकर्षण था। परफॉर्मेंस ने एक जादुई माहौल बना दिया और दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के स्टूडेंट्स द्वारा फयरी टेल मैश-अप ने दर्शकों को खूब हंसाया। वे कहानियों की ऐसी दुनिया में चले गये जहां उन्होंने लिटल रेड राइडिंग हुड से लेकर हनुमान और सीमा मां तक जैसे कैरेक्टर्स से मुलाकात की। सीनियर स्टूडेंट्स ने असाधारण जोश के साथ हूप एंड क्लैप डांस पेश किया। उन्होंने अलग-अलग फॉर्मेशन बनाने के लिए हूप्स का प्रयोग किया जिसने टीम वर्कएवं सहयोग के तौर पर समन्वय एवं संकेंद्रण का वर्णन किया जोकि 21वीं सदी के कौशल के लिए आवश्यक हैं। पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के स्टूडेंट्स दर्शकों को अपने “क्लाउन एंड रोबोट” डांस के साथ क्लाउन्स एवं रोबोट की दुनिया में लेकर गये। आशीष एवं अभिनव सिं ने फिलर्स के तौर पर हिंदी की कविताओं का गायन किया। इन कविताओं को आज के दौर के समाज के रूप में बताया गया और बताया गया कि किस तरह मोबाइल फोन ने कैमरा, कैलकुलेटर और यहां तक कि दोस्तों की जगह ले ली है।
प्रगति और भविष्य के लिए तैयार होना आवश्यक एवं अनिवार्य है, फिर भी जड़ों से जुड़े रहना और अपनी स्वाभाविकता को बरकरार रखना महत्वपूर्ण है। इस इवेंट का समापन घूमर डांस के साथ हुआ- इसमें सभी प्रतिभागियों ने शानदार डांस किया। इस दार्शनिक प्रस्तुति ने एक जादुई दृश्य पैदा किया जिसे आने वाले कुछ दिनों तक कतई भुलाया नहीं जा सकता। यह एक रोमांचक एवं बेहतरीन प्रोग्राम था।