यूपी के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों से जबरन करवाए जा रहें काम: एचआरएमएफ
यूपी के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों से जबरन करवाए जा रहें काम: एचआरएमएफ
- राष्ट्रीय बाल आयोग को भेजा प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों से पढ़ाई के जगह काम कराने की जांच रिपोर्ट।
- पांच जिलों के 30 विद्यालयों के 180 बच्चों ने बताया स्कूलों में रोजाना घंटों कराया जाता है काम
लखनऊ। ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग फोरम एक मानव अधिकार पैरोकारी संगठन है। संगठन बालश्रम के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के छः जनपद क्रमशः लखनऊ, सीतापुर, फतेहपुर, कुशीनगर, कौशांबी, वाराणसी के 5-5 विद्यालयों के छात्र और छात्राओं से बातचीत किया।
उत्तर प्रदेश के 30 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 180 बच्चों से हुए बातचीत के दौरान सामने आया कि विद्यालय में अध्यापक द्रारा रोजाना बच्चों से काम कराया जाता है।
सरकारी आकड़ों के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 116.93 लाख और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की सं. 35.38 लाख है जिनकी आयु 14 वर्ष से कम है।
बालश्रम प्रतिषोध अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी तरह का काम कराना अपराध है लेकिन उसके बावजूद उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों से काम कराया जा रहा है जो बेहद गंभीर मामला है।
जांच के दौरान अधिकतर बच्चों ने बताया कि विद्यालय में काम ना करनें पर शिक्षक द्रारा पिटाई किया जाता है इसलिए डर और मजबूरी में उन्हें काम करना पड़ता है। विद्यालय में बच्चों से काम कराना कानूनन अपराध है और रोजाना घंटो काम करानें से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है।
बच्चों से काम कराये जाने के मामले में स्कूल के अध्यापक से बात किया गया तो लखनऊ मोहनलालगंज के प्राथमिक विद्यालय भद्दीखेड़ा की अध्यापिका ने बताया कि शिक्षा विभाग के सचिव ने आदेश दिया है कि स्कूलों में बच्चों से श्रमदान कराकर स्कूल परिसर में पेड़ पौधे और किचेन गार्डेन तैयार कराया जाय और लखनऊ जनपद के ग्राम सभा माती के प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका ने बताया कि स्कूल और शौचालय बच्चों के लिए बनाया गया तो उसकी साफ सफाई बच्चे नही करेंगे तो कौन करेगा।
प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में बच्चों के साक्षात्कार के अनुसार निम्न काम लिए जा रहेंं है।
- बच्चों से श्रमदान के नाम पर बच्चों से बकायदा गड्ढे खुदवाया जा रहा है और पेड़ पौधे लगवायें जा रहें है, किचेन गार्डेन तैयार कराया जा रहेंं।
- बच्चों से रोजाना दो घंटे हैंडपंप के सहारे बाल्टी से पेड़ पौधों की सिंचाई कराया जा रहा है।
- जिस विद्यालय में शौचालय बना है उसकी साफ सफाई बच्चों से कराया जा रहा है।
- विद्यालय की साफ सफाई के लिए बच्चों से झाडू लगवाया जाता है और कूड़ा उठवाया जाता हैं।
- जिस विद्यालय में निर्माण कार्य चल रहा है वहां पर बच्चों से ईट,बालू ,मिट्टी की डुलाई के काम में लगाएं गयें है।
- अध्यापक द्रारा बच्चों से अपने बैग उठवाये जाते और गाड़ी साफ कराया जाता है।
उपरोक्त गंभीर विषय पर तत्काल ठोस कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय बाल आयोग सहित सरकार को पत्र भेज कर कार्यवाही करनें का अनुरोध किया गया है ताकि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों का उत्पीड़न एवं बालश्रम कानूनों का उल्लंघन बंद हो और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले जिससे बच्चे अपने सपनों को पूरा कर सके।
जांच दल में अमित अम्बेडकर, सर्वेश कुमार,वीनिता थारु, मुन्ना प्रजापति, माधुरी शामिल रही।