मिशन 2019: महागठबंधन का मुकाबला करने के लिए योगी मंत्रिमंडल में हो सकता है बदलाव

मिशन 2019: महागठबंधन का मुकाबला करने के लिए योगी मंत्रिमंडल में हो सकता है बदलाव

लखनऊ: 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा,बसपा,कांग्रेस और रालोद के सम्भावित महागठबंधन को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ भाजपा सरकार की परेशानियां बढ़ गई हैं। इस महागठबंधन का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने भी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। जिसके तहत लोगों से संपर्क बनाने और राज्य सरकार के कामकाज में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार में बदलाव की संभावनाएं तेज हो गई हैं।

दलित और पिछड़े वर्गों को भाजपा के साथ जोड़ने के प्रयास में योगी मंत्रिमंडल में कुछ नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। कसौटी पर खरे नहीं उतरने वाले मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है और काम ना करने वाले मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। राजनीतिक सूत्र इस संभावना को खारिज कर रहे है। उनका कहना है कि चुनावी साल के कारण मंत्रिमंडल में बदलाव जैसा जोखिम सरकार नहीं उठाएगी। योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा काफी लंबे समय से चल रही है। पिछले वर्ष भाजपा संगठन ने मंत्रिमंडल विस्तार पर यह कह कर रोक लगा दी थी कि अभी सरकार को बने 1 वर्ष पूरा नहीं हुआ है।

 हाल ही में विधानसभा सत्र से पहले फेरबदल की चर्चा हुई लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीके निधन के चलते एेसा नहीं हो पाया। अब लोकसभा चुनावों की चुनौती सामने है। भाजपा का पिछड़े और दलितों का सम्मेलन शुरु हो गया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पिछले महीने से ही सभी पिछड़ी उपजातियों से संपर्क बनाए हुए हैं। वोट की खातिर राज्य में प्रबाव रखने वाली कुछ जातियों की मांगे सरकार पूरी कर रही है। बताया जाता है कि सरकार में गुर्जर समेत कुछ पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की स्वीकृति लेनी होगी।

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