पंकज उधास की गजलों से सजी झीलों के शहर की रात

पंकज उधास की गजलों से सजी झीलों के शहर की रात

पंकज उधास की गजलों से सजी झीलों के शहर की रात
उदयपुर। झीलों के शहर उदयपुर की शुक्रवार की रात मशहूर गजल गायक पंकज उधास की मखमली आवाज से सजी। देर रात तक बही गजलों की सरिता में उदयपुर के श्रोता डूबे रहे। मौका था सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (हिजिंलि) के सहयोग से शुरू हुए दो दिवसीय ”एक सुकून जश्न-ए-परवाज” कार्यक्रम का, जिसका आगाज भारतीय लोककला मण्डल में पंकज उधास की गजलों से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिजिंलि के सीईओ सुनील दुग्गल, सीओओ अमिताभ गुप्ता, विशिष्ट अतिथि ख्यातनाम गजल गयक अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, बाल्को कंपनी के सीईओ विकास शर्मा, माइक्रोमैक्स कंपनी के संस्थापक निदेशक राजेश अग्रवाल, राजेश केसवानी, हिजिंलि के कोरपोरेट हेड पवन कौशिक थे।
गजल गायक पंकज उधास ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गजल ’दिल धड़कने का सबब याद आए…’ से की तो तालियों की भरपूर दाद मिली। ढोलक, तबला, बांसुरी, केसियो की संगत ने गजल को नया आयाम दिया। पंकज ने कहा कि हिन्दुस्तान के इस हिस्से में आकर बहुत खुशी मिलती है क्योंकि यहां प्यार, संगीत का माहौल मिलता है। जब उन्होंने केसर जाफरी का कलाम ‘दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है, हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है…’ अपने सुरों में पिरोया तो श्रोताओं ने वाह-वाह कह कर उसे पूरी दाद दी। ‘सब को मालूम है मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाये तो मैं क्या करूं…’ पर भी खूब तालियां बजी।
प्रारम्भ में कार्यक्रम चेयरमैन जीआर लोढ़ा ने अतिथियों का स्वागत किया| संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्याम एस. सिंघवी ने सृजन द स्पार्क की पांच वर्ष की यात्रा की जानकारी दी। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा एवं अन्य सदस्यों द्वारा संस्था के उत्थान के लिए दिये गये योगदान का पावर पाइन्ट प्रजेन्टेशन दिया तथा भावी योजनाओं की जानकारी दी।
समारोह में देश के प्रसिद्ध संगीतकार आनन्द मिलिन्द को इस वर्ष के ‘हिन्दुस्तान जिंक सृजन पुरस्कार-2018’ से नवाजा गया। गीतकार योगेश को ‘सृजन-2018 लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’ से नवाजा गया। साथ ही राजस्थान सहित देश में साहित्य, संगीत एवं कला के लिये अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले सात अन्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं को कला प्रेरक अवार्ड के तहत सृजन अमीर खुसरो अवार्ड नई दिल्ली के गालिब इंस्टीट्यूट को, सृजन वीडी पालुस्कर अवार्ड चित्तौड़गढ़ की मीरा कला संस्थान, सृजन खेमचंद प्रकाश अवार्ड दुबई के कौस्तूभ पिंगल को, सृजन औंकारनाथ ठाकुर अवार्ड मुबंई के पण्डित भवदीप जयपुरवाले, सृजन नंदलाल बोस अवार्ड उदयपुर के रियाज ए तहसीन, मास्टर मदन अवार्ड जावरा मध्यप्रदेश के अहमद रजा पप्पन को दिया गया।
इस अवसर पर आनन्द मिलिंद की जोड़ी ने श्रोताओं की फरमाइश पर इनकी पहली सफलतम फिल्म कयामत से कयामत के गीत ‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…’ को सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। आनंद ने गीत गाया और मिलिंद ने गिटार पर उनका साथ दिया। पहली बार उदयपुर आये मिलिंद ने उदयपुर शहर को बहुत सुन्दर बताया।

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