झारखंड विधानसभा चुनाव: राजद को खल रही लालू की कमी
रांची : बिहार में सियासत की एक धुरी माने जाने वाली राजद का ग्राफ पड़ोसी राज्य झारखंड में गिरता रहा है।
झारखंड के नेताओं को इस विधानसभा चुनाव में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में खोई हुई जमीन लौटाने की चुनौती है। हालांकि, इस चुनाव में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की कमी भी यहां के नेताओं को खल रही है।
बिहार से अलग झारखंड के बनने के बाद राजद की पहचान मजबूत पार्टी के तौर होती थी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, वैसे-वैसे राजद की जमीन सिमटती चली गई।
इस विधानसभा चुनाव में राजद एक बार फिर पूरी ताकत के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी है।
झारखंड राज्य गठन के पहले राजद झारखंड के कई क्षेत्रों में काफी मजबूत था, लेकिन झारखंड गठन के बाद से ही राजद का कुनबा ध्वस्त होता चला गया। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका। राजद इस बार गठबंधन के साथ सात सीटों पर चुनाव मैदान में है। पार्टी ने हुसैनाबाद, चतरा, छतरपुर, कोडरमा, बरकठ्ठा, देवघर और गोड्डा से अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।