गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल, महाराष्ट्र के बाद अब केरल की झांकी को नो एंट्री

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केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के बाद अब केरल की झांकी के प्रस्ताव को इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है। केरल ने पारंपरिक कला रूप को शामिल करते हुए एक थीम का प्रस्ताव रखा था, जिसमें राज्य की कला और वास्तुकला को दर्शाया गया था। लेकिन केंद्र सरकार ने केरल की झांकी का प्रस्ताव को अस्वीकार दिया है।

इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार की झांकी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था।

इस फैसले के बाद केरल के कानून मंत्री एके बालन ने कहा, “गणतंत्र दिवस की परेड के लिए केरल की झांकी को नाकबूल करने का फैसला राजनीति से प्रेरित है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया। उन्होंने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया।

टीएमसी नेता तापस रॉय ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार ने राज्य के प्रति बदले की भावना पाल रखी है। उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रही है इसलिए उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।

महाराष्ट्र की झांकी अस्वीकार करने पर शिवसेना नाराजगी जाहिर कर चुकी है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा था, “महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है। अगर यही कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती।”

बता दें कि इस साल 2020 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए 56 झाकियों के प्रस्ताव गृह मंत्रालय को मिले थे। इनमें से 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रालय या विभाग से आए थे। गणतंत्र दिवस परेड को लेकर बैठकों के बाद 56 झाकियों के प्रस्ताव में से 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 22 प्रस्तावों और मंत्रालयों और विभागों की 6 झाकियों को इस बार की परेड में शामिल होने के लिए चुना गया।

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